Wednesday, March 23, 2011

मनकदमी

मन जब रात भर
जागता है
दिल तुम्‍हारे पास-पास
भागता है
पहुंचते-पहुंचते तुम्‍हारे
ठांव
हर घाव हरा हो गया
अरे
यह तो
सवेरा
हो
गया.
11.06.1991


जूते का जूता है
मोजे का मोजा
एक अरसे बाद
तोड़ा
गमबूटों ने
रोजा.
12.06.1991

Thursday, March 3, 2011

ताल्‍लुक

ऐसा तो
अक्‍सर हो जाता है
मेरे ही साथ
बैठे हों पास-पास
या
चल रहे हों साथ-साथ
हाथ को सुझाई
नहीं देता हाथ
ऐसे में भला
कैसे हो
आदमी से आदमी के बीच
फासले की
सही माप.
11.07.1989

अंदेशे
और
संदेशे
के बीच
भटका मन
फिर हुई ना
अ-न-ब-न.
15.08.1994